The Ultimate Guide To Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana



डर के सामने असहाय महसूस करना, भले ही आप जानते हों कि यह तर्कहीन है

जैसे ही हमारे दिमाग से शरीर को संकेत मिलता है की कुछ खतरा हो सकता है तो शरीर अपनी अलग प्रतिक्रियाएं देता है.

जबकि परिस्थितियां इतनी मुश्किल होती नहीं हैं जितना उन्हें लगने लगता है. अब जैसे ऊपर वाला उदहारण ही लेते हैं.

बच्चे एवं किशोर बच्चे एवं किशोर – परिचय

आप जितना डर से बचते हैं, वो उतना ही बढ़ता है

डर को दूर करने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप अपने डर को पहचानें और जान लें कि वास्तव में क्या चीज है जिससे आप डरते हैं। जब आप डर की स्थिति में हों, तो उस वक्त आपके दिमाग में क्या चीजें और विचार चल रहे हैं, कैसी तस्वीरें बन रही हैं, उन पर ध्यान दें। क्या आप सच में डरे हुए हैं या यह केवल एक बाहरी प्रेशर है। अपने इनर स्पेस का एक ऑब्ज़र्वर बनें।

तो ऐसा सोच सोचकर वो चीज़ों को और मुश्किल बना लेते हैं.

बच्चों को डर के बारे में खुलकर बात करने दें

हमेशा सकारात्मक रहते हुए ज़िन्दगी को बिताएं. बुरा किसके साथ नहीं होता? सबके साथ होता है. सुख दुःख सबके जीवन में चलते रहते हैं.

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इसके ठीक उलट जिन्हें भगवान् पर पूरा भरोसा होता है और उन्हें याद करते हैं वो लोग ज्यादा निर्भीक पाए जाते हैं.

एक बात समझ लीजिये की ज़िन्दगी भगवान् ने दी है तो सबका भविष्य भी उन्ही का तय किया हुआ है.

प्रेरणा या मोमेंटम को हल्का न होने दें। डर का सामना करने के लिए एक निश्चित मात्रा में प्रेरणा की आवश्यकता होती है। जब आपका सामना असफलता से होता है, तो आपके मन में हार मानने का ख्याल आ सकता है। असंभव लगने वाली परिस्थितियों में भी अपने संकल्प को बनाए रखें।

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